श्री दक्षिणामूर्ति मठ ने ग्रंथों का प्रकाशन महामण्डलेश्वर श्री स्वामी महेशानन्द गिरि जी महाराज के संकल्पानुसार इस्वी सन् १९६० के लगभग प्रारम्भ किया ।
सन् १९७७ में महेश रिसर्च इंस्टीट्यूट नामक संस्था के अंतर्गत शास्त्रीय(संस्कृत) ग्रंथों का एस.सुब्रह्मण्यम् शास्त्री द्वारा सम्पादित रूप प्रकाशित होना प्रारम्भ हुआ । वे भी सब ग्रंथ श्रीदक्षिणामूर्ति मठ प्रकाशन से ही उपलब्ध हैं ।
स्वामी महेशानन्द गिरि जी महाराज के समस्त उपलब्ध वक्तव्य पट्टलेखों(टेप) से सुनकर लिखकर छापे जा रहे हैं । इससे अतिरिक्त जो प्रकरण आदि दुर्लभ हैं उनका विभिन्न विद्वानों द्वारा संपादन कर प्रकाशन हो रहा है तथा ग्रंथों के अनुवाद भी उपस्थापित करने के प्रयास भी किये जा रहे हैं ।